बुधवार, 30 नवंबर 2016

अन्वेषी : सम्मिलित लेखक

अन्वेषी 
संपादक : ऋषभदेव शर्मा/  गुर्रमकोंडा नीरजा
परिलेख प्रकाशन, नजीबाबाद
ISBN : 978-93-84068-36-3
2016
पृष्ठ : 240
मूल्य : रु. 250/-  

'अन्वेषी' शोधपत्र संकलन. 
प्रकाशक : परिलेख प्रकाशन, नजीबाबाद 
वितरक : श्रीसाहिती प्रकशन, 303 मेधा टॉवर्स, राधाकृष्ण नगर, अत्तापुर रिंग रोड, हैदराबद - 500048 

पुस्तक की प्रतियाँ प्राप्त करने के लिए संपर्क सूत्र : 
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09849986346

इस शोधपत्र संकलन में सम्मिलित सामग्री

पहला खंड : हाशिया विमर्श : 
  • हिंदी कहानी में वृद्ध मनोविज्ञान : अकेलापन (शिवकुमार राजौरिया) 
  • 'मुर्दहिया' : दलित बस्ती की जिंदगी (सुभाषिणी टी) 
  • कात्यायनी के साहित्य में स्त्री प्रश्न (पोलवरपु जयलक्ष्मी) 
  • अनामिका के काव्य में स्त्री विमर्श (सुरैया परवीन) 
  • शिवप्रसाद सिंह की कहानियों में स्त्री पात्रों का भाषिक वैशिष्ट्य (सुस्मिता घोष) 
  • 'छिन्नमस्ता' में स्त्री चेतना (उषा यादव) 
  • साहित्य में नारी का अभिव्यक्ति पक्ष (सुबोध कुमार सिंह) 
  • हिंदी के आंचलिक उपन्यासों में स्त्री चेतना (अर्पणा दीप्ति) 
दूसरा खंड : भाषा विमर्श : 
  • हिंदी-मराठी सर्वनाम : रूप संरचना एवं प्रकार्य (मिलिंद पाटिल) 
  • भाषाविज्ञान का समाजभाषिक स्वरूप (जोराम यालाम नाबाम) 
  • दक्खिनी भाषा का उद्भव और विकास (जी. प्रवीणा) 
तीसरा खंड : कविता विमर्श : 
  • भक्ति काव्य में प्रेम और सौंदर्य (सिरिपुरपु तुलसी देवी) 
  • हिंदी सूफी प्रेमाख्यानक काव्यों का वर्ण्य-विषय (इंद्रजीत सिंह) 
  • कविता, मार्क्सवाद और रामविलास शर्मा (नितिन पाटिल) 
  • अंधेरे के बिंब बनाती धूपधर्मी कविताओं का कवि - कुमार विकल (सुशील कुमार शैली) 
  • देवराज की राजनैतिक कविताएँ (अमन कुमार)
चौथा खंड : कहानी विमर्श : 
  • प्रेमचंद की कहानी 'सवा सेर गेहूँ' और किसान विमर्श (कोमल सिंह)  
  • मेहरुन्निसा परवेज की कहानियों में आंचलिकता (एन. ललिता) 
  • मेहरुन्निसा परवेज की कहानियों में समाज की आर्थिक संरचना और वर्गीय संबंध (अनुपमा तिवारी) 
  • रमेश पोखरियाल 'निशंक' की कहानियों में मानवाधिकार चेतना (संतोष विजय मुनेश्वर) 
पाँचवा खंड : उपन्यास विमर्श : 
  • प्रेमचंद की वर्तमानता : 'रंगभूमि' और 'गोदान' (ऋषभदेव शर्मा) 
  • हिंदी उपन्यासों में व्यंग्य की परिपाटी (मोहम्मद माजीद मिया) 
  • इलाचंद्र जोशी के उपन्यासों का व्यक्तिवादी स्वरूप (समला देवी) 
  • मोहन राकेश कृत उपन्यास 'अंधेरे बंद कमरे' में पत्रकारिता विमर्श (विनोद चौरसिया) 
  • फणीश्वरनाथ रेणु के उपन्यासों में भाषण का पाठ (माधुरी तिवारी) 
  • मृदुला सिन्हा की स्त्री : संस्कृति की संरक्षक (आशा मिश्रा 'मुक्ता') 
  • हिंदी उपन्यास और सामाजिक यथार्थ (सुपर्णा मुखर्जी) 
छठा खंड : मीडिया विमर्श : 
  • गुंजेश्वरी प्रसाद और उनकी पत्रकारिता (विराट व्यक्तित्व : एक मूल्याकंन)  (अरविंद कुमार सिंह) 
  • हिंदी नवजागरण के विकास में बिहार की पत्रकारिता की भूमिका : रामवृक्ष बेनीपुरी के संदर्भ में (वर्षा कुमारी) 
  • तमिलनाडु में हिंदी पत्रकारिता का स्वरूप (सुनीता जाजोदिया) 
सातवाँ खंड :विविधा : 
  • स्मृतिकालीन न्याय व्यवस्था (हर्षवर्धन सिंह) 
  • स्मृतिकालीन सामाजिक संगठन (हर्षवर्धन सिंह) 
  • वैदिक कालीन नीति और राजनीति (हर्षवर्धन सिंह) 
  • रामविलास शर्मा और कालजयी साहित्य परंपरा (आनंद कुमार यादव) 
  • भारतीय शिक्षा नीतियों में भाषा और संस्कृति (बनवारी लाल मीना, प्रभा कुमारी) 
  • प्रतिभा एवं विद्वत्ता का अनूठा संगम : जानकी वल्लभ शास्त्री (गहनीनाथ) 
  • आधुनिक तेलुगु साहित्य में रामकथा (गुर्रमकोंडा नीरजा)

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